Table of Contents
बुखार की सबसे अच्छी दवा कौन सी है | बुखार की टेबलेट नाम लिस्ट
1 | पैरासिटामोल |
2 | पैरासिटामोल सिरप(बुखार की सबसे अच्छी दवा का नाम) |
3 | बच्चों के लिए इबुप्रोफेन |
4 | एडविल कैप्सूल |
5 | बेयर के च्यूएबल बेबी एस्पिरिन |
6 | वयस्कों के लिए एस्पिरिन(बुखार की सबसे अच्छी दवा अंग्रेजी) |
7 | वोलटारेन |
8 | डोलो |
9 | बेनिलिन |
10 | पेनाडोल |
11 | सिट्रेम |
12 | सिमिलासन हर्बल दवा |
13 | ग्रवोल (आयुर्वेदिक चिकित्सा) |
14 | निमेस्लाइड |
15 | पिरोक्सिम(बुखार की सबसे अच्छी दवा अंग्रेजी) |
16 | इलेव |
17 | ऐनाप्रोक्स(बुखार की सबसे अच्छी दवा का नाम) |
18 | एकोट्रिन |
19 | पैनट्रीट |
20 | बायोफ्लू |
बुखार की सबसे अच्छी दवा के नाम देखने से पहले आखिर ये कितने टाइप के बुखार है तो क्यू की हर एक के लिए ये अलग अलग दवा होती है ।
Continued Bukhar | bukhar ki tablet
तो ये जो Continued Bukhar उसकी पहचाहन ये है की ऐसा जो बुखार होता है वो 24 घण्टे में उसका बुखार ये करीब 1’C कम हो जाता है या फिर बढ़ जाता है और कभी कभी वैसा ही रहे तो ऐसे बुखार को Continued Bukhar बोलते है ।
Tertian Bukhar:-
ये जो Tertian Bukhar होता है वो एक दिन छोड़कर दूसरे दिन आता है इस को डॉक्टरी भाषा में Tertian Bukhar बोलते है ।
Quartan Bukhar :
ये जो बुखार का टाइप है वो Tertian Bukhar की तरह ही देखने को मिलता है पर ये एक दिन के बजाए ये दो दिन के बाद आता जाता है ऐसा जो बुखार होता है वो कुछ समय के लिए रहता है और चला जाता है ।
Quotidian Bukhar
इस Quotidian Bukhar को समजाना बहुत ही आसान है तो इस टाइप के बुखार में बुखार तो रोज आता है पर ये कंटिन्यू नहीं रहता है कुछ समय के लिए आता है और बाद में फिर से चला जाता है ऐसा बार बार होता है तो उसको Quotidian Bukhar नाम से जाना जाता है ।
1 | सामान्य बुखार |
2 | सर्दी बुखार |
3 | तीब्र बुखार |
4 | दिमागी बुखार |
5 | मलेरिया बुखार |
6 | डेंगू बुखार |
7 | टाइफाइड या मियादी बुखार |
8 | पित्त बुखार |
9 | वातज्वर- गठिये का बुखार |
10 | कफ बुखार |
Imtermittent Bukhar
Imtermittent Bukhar ये जो बुखार है उसको Quotidian Bukhar के साथ कंफ्यूज नहीं होना है ये जो Imtermittent Bukhar होता है वो दिन में कुछ वक्त के लिए आता है और तुरंत ये चला भी जाता है ।
Remittent Bukhar
ये जो Remittent Bukhar का टाइप है वो 24 घंटे में 2’C बढ़ता ही रहता है तो ऐसे बुखार को डॉक्टर ये Remittent बुखार इस नाम से जानते है । तो अगर हम बुखार क्या है इसकी बात करे तो ये तो सब की पता ही होगा की बुखार जिस इंसान को आता है उसका तापनमान ये बढ़ जाता है तो आम तोर ये कितना सीरियस नहीं होता है पर या पता कोनसी छोटी सी बीमारी ये बड़ी हो जाये इसके लिए आपको कोई भी बीमारी को नजरअंदाज नहीं करना होगा । आम तोर पर हमारे शरीर का तापमान ये करीब 37 डिग्री सेल्सियस के आस पास ही होता है इसमें आस पास के मोहाल के अनुसार शरीर का तापमान ये कम जयदा हो स्काट है एक या फिर दो डिग्री तक । जब इंसान को बुखार आता है तब शरीर का तापमान ये करीब 40 डिग्री सेल्सियस अधिक बढ़ जाता है वैसे तो बुखार को हमारे शरीर के लिए हानिकारण नहीं होता है ये बुजुर्ग इंसान के लिए 42.4 डिग्री सेल्सियस से जयदा कोई भी बुखार ये बुजुर्ग पेशंट के लिए खरनाक हो सकता है इसलिए सावधानी रखनी ये बहुत ही जरूरी है ।
बुखार के लक्षण कई प्रकार के हो सकते हैं जैसे:
1 | बीमार महसूस करना |
2 | अचानक ठंड लगना |
3 | शरीर का तापमान बढ़ना |
4 | ज्यादा पसीना आना |
5 | कांपना |
6 | बदन टूटने व थकान |
7 | दांत किटकिटाना |
8 | बदन टूटने व थकान |
9 | मांसपेशियों में खिंचाव |
10 | गले व जोड़ों में दर्द |
बुखार आने की मूल वजह आमतौर पर संक्रमण है
1 | बैक्टीरिया |
2 | कुछ क्रोनिक बीमारियां |
3 | कुछ ट्रॉपिकल डिजीज |
4 | हीट स्ट्रोक |
5 | ड्रग्स |
6 | वायरस |
जानिये कब है चिकित्सीय मदद की ज़रुरत?।
हमने जैसे की आर्टिक्ल की शरुवात में ही कहा है की ये बीमारी ये कितनी भी मामूली ही क्यू ना हो पर ये छोटी सी बीमारी कब घातक हो जाये ये कोई भी नई बता सतक्ता है इसलिए आपको अपना डॉक्टर नहीं बनाना होगा आपको तुरंत ही डॉक्टर की सलाह लेनी होगी । अगर आपको कोई भी गंभीर बीमारी है तो भी आपको डॉक्टर की सलाह लेनी होगी । अगर बुखार के सात साथ आपमें कोई और लक्षण जैसे की मतिभ्रम, उल्टी, गर्दन की जकड़न, त्वचा पर चकत्ते, तेजी से हृदय गति, ठंड लगना या मांसपेशियों में दर्द हो रहा है तो ये कोई और बीमारी के लक्षण हो सकते है उसको बढ़ने से पहले ही आपको सही इलाज ये करना होगा अगर घरेलु इलाज करने के बाद भी 1 या फिर 2 दिन में कोई भी लक्षण ये कम नहीं हो रहे है तो भी आपको तुरंत आपको डॉक्टर के पास जाना होगा ।
हर बुखार का उपचार उसके कारणों पर निर्भर करता है
तो आपको बता देते है की हर बुकहाके लिए हम जो बुखार की सबसे अच्छी दवा batane वाले है उसको ही इस्तेमाल करना है ऐसा नहीं नहीं है कोई कोई केस में ऑपरेशन कर के ही ठीक होता है क्यू की ऐसा जो बुखार होता है वो वारयल संक्रमण से नहीं बलकि कोई और ही बीमारी के कारण ये बुखार आता है तो जब तक आप जड़ का इलाज नहीं करोगे तब तक आपको ये प्रॉब्लम आती ही रहेगी तो ये बुखार है ये नार्मल बुखार है या नहीं वो तो डॉक्टर ही बता सकते है । अगर नार्मल बुखार भी हो तो निचे जो हम बुखार की टेबलेट नाम लिस्ट बता रहे है उसका आप डॉक्टर की सलाह पर सेवन कर सकते हो एक बात यदा रख लीजिये आपको खुद से सेवन कोई भी दवा का सेवन नहीं करना है ।
Medicines for Fever in Hindi–भारत में बुखार के लिए 20 दवाएं (गोलियां, सिरप)
पेरासिटामोल: बुखार को ठीक करता है
ये जो एसिमोल है जिस में प्रमुख रूप से एसिटामिनोफेन 500 मि.ग्रा. पाया जाता है तो ये कैसे काम करती है ये बात करे तो ये बॉडी के टेंप्रेचर को कम करता है और बॉडी के अंदर के एनाल्जेसिक थ्रेशोल्ड को बढ़ा देता है । अगर हम इस एसिमोल की खुराक की बात करे तो आपकी ये उम्र ये कितनी है आपकी बीमारी ये कितनी गहरी है उसके हिसाब से आपको डॉक्टर ये बता देते है ये आपको खाना खाने के बाद इस गोली का सेवन करने की सलाह ये दी जाती है । इस एसिमोल बुखार की सबसे अच्छी दवा की कीमत की बात करे तो ये आपको 10 गोली का पैकेट ये आपको 6 रूपये में कोई भी मेडिकल स्टोर में मिल जाएगी ।
पेरासिटामोल सिरप: बच्चों में बुखार को ठीक करता है
अगर आप बच्चों को तेज बुखार में क्या करना चाहिए ये सर्च कर रहे हो तो आपको पेरासिटामोल सिरप का इस्तेमाल ये करना होगा इस पेरासिटामोल सिरप में एसिटामिनोफेन नामक ये तत्व ये पाया जाता है । इस का इस्तेमाल ये 2 से 12 साल की उम्र के बच्चों के लिए ये किया जाता है । ये सिरप ये बच्चो के लिए होने के कारन इस दवा से ऐसे कोई बदबू नहीं आती है । इस दवा की खुराक बह डॉक्टर ही लक्षण और गम्बिरता देख कर ही तय करते है ये बच्चो के लिए सिरप होने के बावजूद 4 से 5 साल के बच्चो के लिए अलग खुराक है 6 से 11 के बच्चों के लिए अलग खुआक है । इस पेरासिटामोल सिरप की कीमत की बात करे तो आपको या दवा 20 डोलर यानि में मिल जाती है ऑनलाइन और ऑफ लाइन में भी ।
बायोफ्लू: सर्दी जुकाम की टेबलेट का नाम|
इस बायोफ्लू दवा की रचना की बात करे तो क्लोरोफेनरामाइन मैलेट, पैरासिटामोल और फेनलेफ्राइन हाइड्रोक्लोराइड जैसे तत्व मिलाकर ये दवा बनी हुई है इस का इस्तेमाल ये नार्मल फ्लू के कारन जो बुखार या फिर शरीर के अंदर दर्द होता है उसको ठीक करने के लिए इस गोली का इस्तेमाल ये किया जाता है । अगर आपको नाक और कान में सूजन भी आए है तो भी आप इस दवा का इस्तेमाल कर सकते हो । इस दवा की खुराक की बात करे तो 6 घंटे में 1 टेबलेट लेने की सलाह ये दी जाती है पर आपकी उम्र ये कितनी है उस पर भी खुराक ये निर्भर करती है । इस दवा का सेवन करने के बाद आपको नींद भी आ सकती है तो आप कोई गाड़ी चलना या फिर और कोई काम मत कीजिये । आपको ये 10 बायोफ्लू गोली का एक स्ट्रिप ये 120 से 130 रूपये में मिल जाएगी ।
इकोट्रिन: दर्द और बुखार का इलाज करे
अगर हम इस इकोट्रिन बुखार की सबसे अच्छी दवा की बात करे तो इस में प्रमुख रूप से एस्पिरिन ये तत्व पाया जाता है । इस गोली का उपयोग ये बुखार के साथ साथ सूजन को कम करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है । तो इस दवा का सेवन करने के बाद शरीर में जो सूजन और बुखार का कारन बनते है ऐसे केमिकल को कम करने के काम ये करता है । अगर आपकी उम्र ये 12 साल के निचे है तो आपको ये दवा का इस्तेमाल नहीं करना है आपको ये इकोट्रिन बुखार की सबसे अच्छी दवा की कितनी गोली लेनी है वो डॉक्टर आपकी कंडीशन कर के बता देंगे ।
पाइरोक्सिकम: सर्दी, बुखार और बदन दर्द को ठीक करता है
इस पाइरोक्सिकम दवा की बात करे तो नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी नामक तत्व इस दवा में पाया जाता है और इस से ही बुखार ये कम होने लग जाता है और इतना ही नहीं बुखार के कारण जो दर्द होता है वो भी कम करने का काम ये बुखार की सबसे अच्छी दवा करती है । इस दवा के कुछ साइड इफ़ेक्ट भी है जैसे की चक्कर जैसे लागंना , पेट खराब जैसे साइड इफ़ेक्ट देखने को मिल सकते है अगर इसके अलावा कोई भी दिकत हो तो आप अपने डॉक्टर की सलाह ये तुरंत ले लीजिए । इस पाइरोक्सिकम गोली की कीमत ये आपको डॉक्टर किंतनी ग्रा की खुराक ये लेते हो उसके ऊपर इसकी कीमत ये तय होती है ।
ग्रवोल (आयुर्वेदिक चिकित्सा): वायरल बुखार को ठीक करता है
अगर आप बुखार की सबसे अच्छी दवा और वो भी आयुर्वेदिक दवा देख रहे हो तो ये ग्रवोल दवा इस्तेमाल में आती है इस दवा में अदरक और विलो छाल का अर्क को मिलाकर ये दवा बनिए जाती है । ये कोई गोली नहीं है ये सिरप है । ये सिरप सिरदर्द, अपच को कम करने के साथ साथ उल्टी को भी रोखने के लिए इस का इस्तेमाल किया जाता है ।
बुखार की सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा
अगर आपको बुखार की सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा देख रहे हो तो आप निचे जो पोंइट दिए है वो आप देख लीजिए ये जो दवा होते है उनके साइड इफ़ेक्ट होते है वो बहुत ही कम होते है या फिर हम ऐसे भी बोल सकते है की साइड इफ़ेक्ट ये नहीं होते है पर फिर भी कोई भी बुखार की सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा सेवन करने से पहले किसी जानकार की सलाह ये जरूर ले लीजिए ।
बुखार की सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा गिलोय
तो बुखार की सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा गिलोय मणि जाती है जो की सिर्फ बुखार के लिए ही नहीं बल्कि दूसरे अलग अलग बीमारी के लिए भी इसका इस्तेमाल ये किया जाता है । सब से पहले ये गिलोय अगर आप इसका सेवन ये रोज करते हो तो सब से पहले आपकी जो इम्युनिटी होती है उसको और भी जयदा स्ट्रॉंग करता है तो अगर आप इस गिलोय का काढ़ा कर के सेवन करते हो तो आप सर्दी खांसी और बुखार से आपको राहत मिल जाएगी ।
तुलसी का काढ़ा
तुलसी का उपयोग ये लगभग हर बीमारी के लिए क्या जाता है तो अगर आपको नार्मल बुखार है तो तुलसी के पत्त्तों का काढ़ा कर के सेवन कर सकते हो तो तुलसी के पत्त्तों का काढ़ा करने के लिए आपको एक ग्लास पानी में 3 से 4 तुलसी के पत्त्तों दाल देने है उसके साथ आप 1-2 लौंग भी दाल सकते हो उसके बाद आप उस पानी को अचे से बाफ आने तक उबाल लीजिये फिर नार्मल तापमान आने पर सेवन कर लीजिए ऐसा आपको दिन में 3 से 4 बार कर के सेवन करना है ।
काली मिर्च और अदरक का काढ़ा
अगर आपका नार्मल बुखार है तो आप एक बार काली मिर्च और अदरक का काढ़ा का सेवन कर के देख सकते हो तो ये काढ़ा बनाने के लिए आपको थोड़ी सी हल्दी पाउडर का भी इस्तेमाल करना होगा तो सब से पहले एक ग्लास पानी ये उबालने के लिए रख लीजिए उसके बाद एक छिटकी हल्दी और कुछ छोटे टुकड़े में कटा हुआ हुआ वो उस पानी के दाल लीजिए उसके साथ साथ कुछ 2 से 3 दाने काली मिर्च के टुकड़े डालकर आप उस पानी को अचे से उबाल लीजिए । जैसे ही नार्मल तापमान पर आ जाये उसके बाद आप ये सेवन कर लीजिए जैसे ही आप सेवन करोगे वैसे ही कुछ ही समय में आपको इसका असर देखने को मिल जायेगा ।
विशेष नींबू पानी
आपको लगेगा की हम क्या पागल जैसे बात करे है तो ये विशेष नींबू पानी से बुखार तो कम नहीं होगा पर बुखार के कारन जो असहनीय दर्द होता है उस से आपको रहत मिल जाएगी । तो इस के लिए आपको एक कप पानी में नीबू को निचोड़ लेना होगा और उस ही पानी में आपको भुनी हुई अजवाइन को मिलाकर पी लेना है ।
बुखार में अपनाये ये सावधानियां
तो सब से पहले बुखार आने पर कितना भी थड़ा खाने का मन कर तो भी आपको कोई भी ठंडी चीज का सेवन नहीं करना है । आपको ऐसे समय में नहाने से बचाना होगा आपको अगर नहाने का मन करे तो स्पंच बाथ ले सकते हो । सर्दी जुखाम का संक्रमण ये घर पर ना फैले इसके लिए आपको मास्क का इस्तेमाल करना होगा । आपको अपने खाने से सारे बर्तन ये अलग हो रखनी होगी । बुखार के समय कुछ खाने का मन ना भी करे तो भी कुछ हल्का पर सेहदमत खाना खा लेना होगा । बहुत बार ये बुखार के समय टॉयलेट जाने का महसूह ना भी हो तो भी आप अंदर की गन्दगी को समय समय पर साफ करे ।
अगर आपको बार बार बुखार आ रहा है तो एक तो इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है या फिर कोई और बीमारी हो सकती है उसके लिए आप डॉक्टर से जांच करवा ले लीजिए .
बुखार का आयुर्वेदिक दवा ये हमने आपको ऊपर डिटेल में बताया है वो आप देख लीजिये विशेष नींबू पानी , काली मिर्च और अदरक का काढ़ा , तुलसी का काढ़ा का आप सेवन कर सकते हो .
आम तोर पर जो नार्मल बुखार होता है तो ३ से ४ दिनों तक ये रहता है. फिर भी आप जल्दी से जल्दी डॉक्टर की सलाह ले लीजिये .
अगर तेज बुखार हो तो आप जल्दी से जल्दी डॉक्टर के लिए और उसके बाद अगर आपको डॉक्टर के पास जाना संभव नहीं है तो आप ऑनलाइन भी डॉक्टर की सलाह दी जाती है तो आप उसका इस्तेमाल कर सकते हो .
तो ये थी बुखार की सबसे अच्छी दवा कौन सी है, बुखार की टेबलेट नाम लिस्ट और ऐसे ही बुखार की सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा कोनसी है इसके बारे में बहुत ही आसान शब्दों में जानकारी .
तो एक बार फिर से बता देते है की आपको इस आर्टिकल में जो बुखार की सबसे अच्छी दवा का नाम क्या है इस की जो भी जानकारी है वो सिर्फ और सिर्फ आपकी एक्स्ट्रा जानकारी के लिए है इस आर्टिकल को पढ़ कर या फिर इंटरनेट का कोई भी आर्टिकल पढ़ कर आप खुद से कोई भी दवा का सेवन मत कीजिये ऐसा करना आपके सेहत के लिए हानिकारक हो सकती है .